Tuesday, July 9, 2019
Open letter to the Hon. Prime Minister
Monday, July 8, 2019
Open Letter to the Hon. Prime Minister
Monday, July 1, 2019
शासन एवं प्रशासन की लापरवाही से हुए हादसों की शिकार जनता
हम सभी की (जनता) ये आदत है की हम हमेशा जो समय चल रहा है उसके बहाव मे बहते जाते है। जबकी हकीकत ये है की हमारा सिर्फ उपयोग होता है... कहीं कम कहीं ज्यादा ये दूसरी बात है. जिम्मेदार भी हम ही है.. समय समय पर किसी एक को इतना चढ़ा देते है की हमे ही नही पता होता की हम क्या कर रहें है। नतीजा हम सालों से अनुभव कर ही रहे है। किसी को भी उतना ही सर आँखों पे रखो जितना जरूरी हो और सही हो.. वरना फिर शिकायत करने का अधिकार हम खुद ही खो देते है।
याद रखें "रावण को जलाने से पहले हम खुद ही उसे खडा करते है..."
शासन किसी भी पक्ष का हो, छलती जनता ही है।
आए दिन शासन और प्रशासन की गैरजिम्मेदारी से हुई दुर्घटनाओं में सदियों से पीड़ित जनता को समर्पित...
"दुखद हादसा
जनता का ग़ुस्सा
सोशल प्लेटफॉर्म-मीडिया में
सुर्खियों का दौर
आरोप प्रत्यारोप चहुं और
सभी ओर प्रोटेस्ट
हादसा लेटेस्ट
कैंडल का मार्च
इस्तीफा दो इंचार्ज
विपक्ष मे रोष
अधिकारी मे होश
उच्च लेवल समीति का गठन
सरकार का खेद-चिंतन-मंथन
मुवावजे का ऐलान
दोषियों को न बक्षने का फरमान
घायलों- परिजनों की वेदना
सरकार-पक्ष-विपक्ष की संवेदना...
कब तक??
जिम्मेदारी की मारी
जनता बेचारी
लुटती रहेगी
छलती रहेगी
पिसती रहेगी
लड़ती रहेगी
कब तक?
जनता का आक्रोश जैसे ही थमेंगा
मीडिया भी नए हादसों-
नए सुर्खियों में रमेगा
अधिकारी फिर होंगे मदहोश
विपक्ष खोजेगा नया दोष
सरकार खुद को ठेहराएंगी निर्दोष
फिर चुनाव का दौर
वादों, उम्मीदों से जनता भाव विभोर
नई सत्ता, नया पक्ष-विपक्ष
दिक्कतें वही जनता समक्ष
दुखद हादसा.."
(ये कविता ब्लॉग के लेखक ने लिखी है। इस पर लेखक का पूर्णाधिकार है। बगैर लेखक के अनुमती के कहीं भी प्रकाशित ना करें।)
मो: 7588630891.
(The blog writer is a Management Professional and operates a Manpower & Property Consultancy Firm. Besides he is President of "Consumer Justice Council", Secretary of "SARATHI", Member of "Jan Manch", Holds "Palakatva of NMC", Is a Para Legal Volunteer, District Court Nagpur, RTI Activist, Member of Family Welfare Committee formed under the directions of Hon. Supreme Court to prevent misuse of 498A).
'BASICS' : Always the SUPREME yardstick
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