Saturday, January 25, 2020

गणतंत्र दिवस

आइए गणतंत्र दिवस के बारे में और जानते हैं...

26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया।

गणतंत्र दिवस की पहली परेड 1955 को दिल्ली के राजपथ पर हुई थी, तभी से हर वर्ष ये सिलसिला जारी है।

पूर्ण स्वराज दिवस (26 जनवरी 1930) को ध्यान में रखते हुए भारतीय संविधान 26 जनवरी को लागू किया गया था।

भारतीय संविधान की हाथ से लिखी मूल प्रतियां संसद भवन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी हुई हैं, भारतीय संविधान की हाथ से लिखी मूल प्रतियां संसद भवन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी हुई हैं।

भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाऊस में 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं और हर साल 21 तोपों की सलामी दी जाती है।

29 जनवरी को विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है, जिसमें भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के बैंड हिस्सा लेते हैं। यह दिन गणतंत्र दिवस के समारोह के समापन के रूप में मनाया जाता।

गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री अमर ज्योति पर शहीदों को श्रद्धाजंलि देते हैं, जिन्होंने देश के आजादी में बलिदान दिया।

परेड में विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी भी होती हैं, प्रदर्शनी में हर राज्य के लोगों की विशेषता, उनके लोक गीत व कला का दृश्यचित्र प्रस्तुत किया जाता है। हर प्रदर्शिनी भारत की विविधता व सांस्कृतिक समृद्धि प्रदर्शित करती है।

(The blog writer/Compiler is a Management Professional and operates a Manpower & Property Consultancy Firm. Besides, he is Ex President of "Consumer Justice Council", Secretary of "SARATHI",  Member of "Jan Manch",  Holds "Palakatva of NMC",  Is a Para Legal Volunteer, District Court, Nagpur, RTI ActivistMember of Family Welfare Committee formed under the directions of Hon. Supreme Court).

Friday, January 24, 2020

आधार कार्ड - पोहे कार्ड

कैलाश के दोहे
जो खाए पोहे
वो बंग्लादेशी होवे
समझ आए ना मोहे..
क्या आए सखा तोहे
कैलाश के दोहे
और नागरिकता पहचान
अभियान में
कवनो मेल होवे ??

आधार कार्ड - पोहे कार्ड

National Girls Child Day

On this National Girls Child Day,
let's take a pledge that we will
not do any discrimination with
our girl children. Let's take a
pledge to uphold equal rights,
voice, and opportunities for girls
in our country.

Yes, while rightly doing this, we
need to take care and ensure
that we don't deprive the other
gender of their rights and voice,
for if there is disparity or biased
approach, it will disrupt the Ancient Traditional Harmony and foundation
of our society.

Welfare needs to be Genderless !!

Saturday, January 4, 2020

Origin of AM & PM (time related) have roots in Sanskrit!!

A. M.  &  P. M. ?

All these days, we were made to believe that, the terms A.M. & P.M. stands for:

▪A.M.  =   ante meridian
▪P.M.  =    post meridian

(ante of what?) and (post of what?)  never clarified ...!!!
(what = the subject himself is missing)

Now our ancient Sanskrit texts have blown off the ambiguity & the things are now Crystal clear.

Just take a look:-

• A.M. = Aarohanam Marthandasya
• P.M.  = Pathanam Marthandasya

Explanation:-

The ‘Sun’ who is vital to the calculation remains un-mentioned. This is unthinkable & unjustifiable. That lacuna arises because it is not realized that the letters A.M. & P.M. are the initials of the hoary Sanskrit expressions (आरोहणम् मार्तडस्य्) Arohanam Martandasaya (i.e. the climbing of the sun) & (पतनम् मार्तडस्य्) Patanam Martandasaya (i.e. the falling of the sun).

'BASICS' : Always the SUPREME yardstick

Unless and until the ' BASICS ' are in the right place, all other things would eventually fall into the category of appeasement. App...