Tuesday, December 23, 2025

Reunion Poem

मुद्दतों बाद फिर हुए रूबरू 
वही अपने पुराने यार।
चेहरों पर खिली रौनक
दिल में जागा प्यार।

समय के धूल की परत जो
जमी थी
बीते हुए हसीन 
लम्हों पर,
वो साथ, वो हँसी, वो यादें,
फिर जाग उठी।

साथ जो अपनो का फिर से पाया
वो हसीं मजाक ठिठोली का दौर 
फिर से लौट आया।

फिर वही किस्से पुराने,
बीते समय के सुनहरे तराने
लगा वक्त ठहर गया है,
लम्हा वो फिर दिल में घर कर गया है।

ये साथ, ये हँसी, ये यादें,
अब फिर से संजोएंगे
दूरियाँ चाहे कितनी भी हों,
इस दोस्ती को न खोएंगे।

फिर मिलेंगे 
इसी उम्मीद के साथ,
दिल में बसा ली हमने,
ये हसीन मुलाक़ात।

आओ, 
इन दिनों को याद करते
हम करें ऐसी शुरूआत
आने वाले कल में, हर पल में
बने रहे यही जज्बात।

Reunion Poem

मुद्दतों बाद फिर हुए रूबरू  वही अपने पुराने यार। चेहरों पर खिली रौनक दिल में जागा प्यार। समय के धूल की परत जो जमी थी बीते हुए हसीन  लम्हों प...