Tuesday, August 9, 2022

"खेला"...

हर घर तिरंगा तो ठीक ही है, 
चूंकि तिरंगा हमारा 
मान - अभिमान - सम्मान है।

काश "माई बाप" हर घर 
राशन, 
बिजली, 
शिक्षा, 
नौकरी 
की मुहिम चलाते और 
सरकार - उसके संत्री - मंत्री - अधिकारी 
इस मुहिम में भी 
"हर घर तिरंगा" जितनी शिद्धत से मेहनत करते -

तो

यकीनन,

"तिरंगे" 
का खुद का गौरव असीमित बढ़ जाता..

मगर अफसोस, हकीकत यही है की इन समस्याओं से ध्यान भटकाने और अपनी नाकामयाबी छिपाने के लिए ही, संभवतः ऐसी मुहिम "माई बाप" चलाते रहते है। 

और कुछ हो ना हो जनता के पास, देशभक्ति का जज्बा अवश्य ही रहता है और खासकर 15 अगस्त, 26 जनवरी या किसी शाहिद के शहादत पर तो ये जज्बा अपनी चरम सीमा पर होता है। कहने की जरूरत ही नहीं की ऐसी मुहिम में हम सब बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है, सरकार और तंत्र के गुणगान करते है और सरकारी यंत्रणा तो अपनी वाह वाही के प्रशस्ति पत्र और मेडल का खुद को आदान प्रदान करती ही रहती है। फिर आगे क्या? बस, मुहिम का द एंड! 

और राशन, बिजली, शिक्षा, नौकरी, रिश्वतखोरी, झूठे वादे, रोज दर रोज बढ़ती महंगाई, गिरती अर्थव्यवस्था, आदि समस्याओं का दौर फिर शुरू।

और जैसे ही इन समस्याओं के प्रति जनता का आक्रोश और प्रतिकार दिखता बढ़ेगा, 
फिर एक नए मुहिम के साथ सरकारी तंत्र 
अपना खेल खेलेगा।

"खेला "तो जनता का ही होगा......


(The blog writer/compiler is a Management Professional and operates a Manpower & Property Consultancy Firm. 

Besides, he is -

1) Ex President of "Consumer Justice Council", 
2) Secretary of "SARATHI",  
3) Member of "Jan Manch",  
4) Holds "Palakatva of NMC", 
5) Para Legal Volunteer, District Court,  
6) RTI Activist, 
7) Core Committee Member of Save Bharat  
     Van Movement & Paryavaran Prerna        
     "Vidarbha", 
8) Member of Alert Citizen Group, Nagpur 
     Police, 
9) Ex Member of Family Welfare Committee
    formed under the guidelines of Hon.     
    Supreme Court.

Twitter: @amitgheda.

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Unless and until the ' BASICS ' are in the right place, all other things would eventually fall into the category of appeasement. App...