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Thursday, March 17, 2022
मदिरा के द्वार.. दिवाना!
जात, पात, रंग, मजहब, राजनीति
से नहीं कोई सरोकार
मदिरा के द्वार, मदिरा लेते, एक होते, मनाते त्योहार..
फागुन की होली, है एक बहाना
मदिरा के द्वार, रोज दर रोज आना चाहे,
हर एक, मदिरा का दिवाना..
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